PPF Scheme: पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) स्कीम भारत सरकार की एक बेहद सुरक्षित और टैक्स फ्री बचत योजना है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें सरकार की गारंटी होती है, ब्याज तय होता है और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि टैक्स-फ्री होती है। बच्चों के नाम भी पीपीएफ अकाउंट खोला जा सकता है, जिससे लंबे समय के लिए सुरक्षित बचत और अच्छा ब्याज दोनों मिलते हैं।
पीपीएफ स्कीम क्या है
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक दीर्घकालीन बचत योजना है जिसमें आप हर साल ₹500 से ₹1.5 लाख तक जमा कर सकते हैं। सरकार हर तीन महीने में इसकी ब्याज दर तय करती है। वर्तमान में पीपीएफ पर 7.1% सालाना ब्याज मिल रहा है, जो चक्रवृद्धि (compounded annually) होता है।
कौन पीपीएफ अकाउंट खोल सकता है
भारत का कोई भी नागरिक अपने नाम या अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खोल सकता है। बच्चे के नाम अकाउंट खुलवाकर माता-पिता उसमें हर साल राशि जमा कर सकते हैं। यह स्कीम खासतौर पर बच्चों की पढ़ाई, शादी या भविष्य के बड़े खर्च के लिए बचत करने के लिहाज से बहुत उपयोगी है।
कितने साल की होती है स्कीम
पीपीएफ अकाउंट की अवधि 15 साल की होती है। 15 साल पूरे होने के बाद आप चाहें तो इसे 5-5 साल की ब्लॉक में बढ़ा सकते हैं। स्कीम की अवधि में आप हर साल एक बार या 12 किस्तों तक में रकम जमा कर सकते हैं। 15 साल बाद आपको जमा राशि और ब्याज मिलकर एकमुश्त मैच्योरिटी राशि के रूप में मिलती है।
कैलकुलेशन: ₹60,000 सालाना निवेश करने पर
सालाना जमा | कुल जमा (15 साल) | ब्याज से कमाई (7.1%) | मैच्योरिटी अमाउंट |
---|---|---|---|
₹60,000 | ₹9,00,000 | ₹7,27,284 | ₹16,27,284 |
इस उदाहरण में अगर आप अपने बच्चे के नाम हर साल ₹60,000 पीपीएफ अकाउंट में 15 साल तक जमा करते हैं तो आपकी कुल जमा राशि ₹9,00,000 होगी। 7.1% सालाना ब्याज से आपको ₹7,27,284 का ब्याज मिलेगा। इस तरह 15 साल बाद मैच्योरिटी पर आपको कुल ₹16,27,284 मिलेंगे।
पीपीएफ स्कीम के फायदे
पीपीएफ अकाउंट पूरी तरह सुरक्षित और सरकार की गारंटी वाला है। इसमें मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी राशि दोनों टैक्स-फ्री होती हैं। इस अकाउंट पर लोन लेने और पार्टियल विदड्रॉल की सुविधा भी मिलती है। लंबी अवधि तक पैसा लॉक होने से आपका फंड अपने आप बढ़ता है।
Disclaimer: यह जानकारी सामान्य वित्तीय मार्गदर्शन के लिए है। वास्तविक ब्याज दर समय-समय पर बदल सकती है। निवेश करने से पहले अपने बैंक/डाकघर से वर्तमान ब्याज दर और नियम जान लें।